भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 विश्वकप 2024 में रोहित शर्मा की कप्तानी में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर दूसरी बार कब्जा जमाया है। इससे पहले भारतीय टीम ने साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप के पहले ही संस्करण में वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। पहले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने अपनी चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तानी टीम को फाइनल में हराया था और वर्ल्ड चैंपियन का खिताब अपने नाम किया था। वहीं साल 2007 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए इस मुकाबले को लेकर पूर्व पाकिस्तानी कप्तान मिस्बाह उल हक ने बड़ा बयान दिया है और वर्ल्ड कप में अपनी हार का कारण बताया है।
मिस्बाह उल हक ने स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए बताया है कि किस तरह पाकिस्तानी टीम टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल मैच में भारत के हाथों हार थी। मिस्बाह उल हक ने कहा है, ‘ हम वहां की पिच और छोटी बाउंड्री को देखकर बहुत ही उत्साहित थे। क्योंकि भारतीय टीम स्पिन गेंदबाजी पर निर्भर थी और भारत के लिए वहां खेलना मुश्किल था। उस मैदान पर स्पिन गेंदबाजी के लिए मुश्किलें ज्याद थीं और भारत के पास उस समय मुख्य स्पिन गेंदबाज के रूप में हरभजन सिंह मौजूद थे। पाकिस्तानी टीम उस मैदान में स्पिन गेंदबाजी को अच्छा खेल रही थी।’
इस वजह से हारी थी पाकिस्तानी टीम
मिस्बाह ने कहा है, ‘भारत की ओर से दिया गया लक्ष्य ज्यादा नहीं है, हमें बस अच्छी शुरुआत करनी थी लेकिन मेरे अनुसार शुरुआत में 2-3 विकेट का जल्दी गिरना और इमरान नजीर का रन आउट होना दबाव का कारण बन गया था। एक समय पर हम 6 विकेट के नुकसान पर 77 रन के स्कोर पर थे। विकेट गिरने की वजह से लक्ष्य मुश्किल बन गया था।’ मिस्बाह ने कहा है कि मुझे लगता है कि हमारा काम तब खराब हुआ, जब हम ओवरकॉन्फिडेंट हो गए थे।
गौरतलब हो कि भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में पाकिस्तानी टीम को केवल 158 रनों का लक्ष्य दिया था। जिसके जवाब में पाकिस्तानी टीम केवल 152 रनों के स्कोर पर ही सिमट गई थी। पाकिस्तानी टीम का अंतिम विकेट खुद तत्कालीन कप्तान मिस्बाह उल हक का था।